Friday, September 5, 2008

एक रात



तारीख रातो का तू मलाल न कर,


सुबह होने का थोडा इंतज़ार तो कर,


मिलेगी रहमत जहाँ में तुझको भी ,


झोली फैलाकर खुदा से फरियाद तो कर,


मिलेगा दरिया-इ-साहिल तुझको भी,


तुफा के थमने का इंतजार तो कर,


देता है कौन साथ तंग दस्ती में ,


थोडा मुझपर भी एतबार तो कर !!

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